वो लड़का
उसकी मोहब्बत भरी वो आँखें
जो मेरे आने से खिल जाती है,
और मेरे जाने से भर जाती है
तो फ़िर कैसे मै उसकी इबादत
ना बनूँ
जो मेरी ख़ातिर तीन पहर की नमाज़े
छोड़ देता है.....
वो कहता है कि मै ऊसकी ‘’चलती
– फ़िरती दुनिया नहीं’’
उसका ठहरा आशियाँ हूँ,
तो फ़िर कैसे मै उसका जहां ना
बनूँ
जो मेरी ख़ातिर हर शख़्स को छोड़
देता है.......
इतना रोता है मेरी मोहब्बत
में वो
कि मेरा दामन भी भीग जाता है
तो फिर कैसे पागल ना बनूँ मैं
उसके लिए
जो मेरी ख़ातिर सांस लेना ही
भूल जाता है.........
❤🧡💛💚💙💜🖤
ReplyDelete👏💓
ReplyDeleteJust feel the words😍😍
ReplyDeleteWow that's so sweet...❤️❤️
ReplyDeletebhut khoob
ReplyDeleteWonderful...keep going😎
ReplyDeleteLovely...
ReplyDelete👏👏👏🙌🙌
ReplyDelete☺️☺️👏👏
ReplyDeleteWonderful writing 👍👍👍
ReplyDelete❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️
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