जरूरत खुशी कि हैं😁😇
ये झूठी शक्लें मासुमियत कैद किए है
मनसुब इरादे तेरा रखना ठीक ही है
वरना इरादे तेरे झलक जाएगे दरमियान
तो दिल जोडना मुश्किल मालूम पड़ेगा
हजारों सवाल पूछ ले तुझे मंजूरी है
पर एक सवाल का हिसाब ना रखना
कैसी हूँ मैं आजकल यह पूछ कर
मुझे फिर कही तू नराज़ ना कभी करना
वक्त है आज नही तो कल बीत जाएगा
काश शुरू में ही बयां किया होता सब
कि इतनी जल्दी तू मेरे जहाँ से चला जाएगा
बंद ताले सा लिया दिल लिए फिर रही
चाभी कि तलाश भी नही है मुझे अब
कयोकि हसीन बातें अंदर ही अंदर निगल रही
जरूरत अब तेरी नहीं मुझे मेरी खुद कि है
जो कही खो गई थी उसे ढूंढना बेहद जरूरी है
मैं देखती हूँ, हसती हूँ, खिलखिलाती भी हूँ
दूसरों से दिल में जख्म भरा छुपाया करती हूँ
सच मैं पहले बेझिझक कह दिया करती थी
अब झूठ का सहारा लिया जीना चाहती हूँ......
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