मौत की दस्तक😴😴


कल रात मैंने, अपने स्वपन में
अपनी मौत से मुलाकात की
उसने कहा, कितनी खुदगर्ज है तू
जो तुने मरने की फरियाद की ।

भुल गई तु ,तेरी ज़िंदगी
 खुदा की मेहरबानी है
जिसे जीने में तूने की आनाकानी है।

तू ना सही, तेरे लिए कोई  जी रहा है
उसे छोड़ के जाने में
तेरा मन न खीज रहा है।

तेरे सपने जो ,तुझे करने थे अपने
अब अधुरे रह जाएंगे
जिन्हें पूरा करने के लिए समय ही समय था
लेकिन अब कुछ अधूरे पल से रह जाएगे।

अब तुझे जन्नत ,मिलेगी या जहन्नुम
तेरे किए हुए कर्म ही तुझे बताएगे।

Comments

Post a Comment

Popular posts from this blog

घुटन 🙂

मेरी दुआ

जी चाहता है... 🤩