पहली मोहब्बत❤
उन्स है मुझे उस शख्स के लिए
इज़तिरार सी हो जाती हूँ
मेरा अक्स सा लगता है तू मुझे
रफिक़ तुझे अपना बनाना चाहती हूँ।
बरख़ पर लिख दूँ तुझे
मेरी स्याही ब-दस्तूर कहती है
फ़ानी सा नाम है तेरा
हिकायत सी मुझे याद रहती है।
महदूद नहीं बेशुमार चाहती हूँ
फिलहाल कुछ छुपे से जज़्बात मेरे
कभी चाहो तो खुल कर बतलाती हूँ
उज़ृ नहीं फरमाऊंगी, अपनी चाहत का
मुक्मल वो अफसाना तुमको हूबहू बतलाऊंगी।
Epic bro ....mast likhey ho ....
ReplyDeleteThanx bro😎
DeleteAre gajab ...
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DeleteSamajh me toh nahi aaya,pr accha tha kaafi😅
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DeleteWah munna wahh ziyo meri sherni mohabbat ko lafzo may likhna koi tumse sikhe 😍😍😍😍❤️❤️ keep It up munna
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DeleteWoow nishu maam big fan of u maam agli poem kab aayegi maam besabri se intezaar hy humey aur hum jaise fans ko😍😍😍🙂🙂😇😎
ReplyDeletewow!!!! its awesome ,heart touching lines using beautiful words
ReplyDeletekeep writing ...
Touching words. Keep writing
ReplyDeleteThank you very much
DeleteLaajwaab 🙃
ReplyDeleteNice one🙂
ReplyDelete,❤️💛💚💙💜🖤♥️
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