कूदरत से किस्मत 🤩🥺
देने वाले की कुदरत है किस्मत कम है हमारी
फिर भी दिल बड़ा लिए फिर रहे ऐसी है दिलदारी
पल में तोला पल में माशा क्या ही होता है जनाब
हम तो आज भी जी रहे बादशाह सी साझेदारी
टूट कर कई हजारों बार हम तो युही जुड़े हैं फिर
भी दिल जोड़ने से विपरीत रस्ते हरदम ढूंढ लेते है
मोहब्बत है हुज़ूर रास्ते का कोई तमाशा नहीं
जिंदगी अकेले जीने की हसरतों में अभिलाषा नही
दिल में सुराख़ कर काला दाग़ हम पर लगा गया
मिटाने की हसरत थी पर खुद पर तरस दिला गया
अब भाषण कम कर ख्याल रखना सिख रही हूँ
धागा जो टूटा उसे रिश्ते की गाठो से सिल रही हूँ
दुश्मनी भी प्यार को बस बढाएं जा रही है
इसलिए कायरों सा पकड़ को मजबूत कर रही हूँ
अब कुछ करूँ भी तो खामखा होगा है ना
जैसे पानी पर पानी लिखना यूँ आसान तो ना होगा |
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