फासले 👦.....👧

 


अब डर कर रहना पडेगा आपसे

आपकी कीमत जो बढ़ गई है

हम तो अभी भी है शून्य पर

आपने कुछ सिढीया चढ़ ली है

हालात मेरी हालतों को गवारा है

खुश रहे हम-तुम बस यही सहारा है

तू मजबूर नही था मेरे लिए कभी

पर तेरी मैं अचानक मजबूरी बन गई

सुकून भरा कायनात हुआ करती थी

अब मेरी ज़रा भी तुझको जरूरत नही

तेरे खास दिन का हिस्सा नहीं बन पाई

रोती-बिलकती दे रही हूँ खुद को दुहाई

कोशिशें ही मेरी हरदम कम रही होगी

पर तकलीफें मैंने तमाम है सबको दी

तू आदमी बहुत ही ज्यादा शरीफ है

मैं ही बेशर्म हमेशा से रही होगी........ 


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