सच्चा शर्गिद 👮♀️👮
शहिद नही ये सारे लोग शागिर्द है वतन के
कई लिपटें तिरंगे में पर आज भी है वतन के
कोई माँ का लाडला तो कोई पिता का बुढ़ापा था
पर उससे भी ज्यादा वो हमारे देश का रखवाला था
सीमा पर तैनात ना धूप ना गर्मी का होता है एहसास
चटानों में खड़े है जैसे चटान बन कर सारे फौलाद
जीवन की सीमा है नहीं बस वो तो जीना जानते है
अपनों को भूलाकर खुशी से सीना भी तानते है
वर्दी की लाज ना आए उस पर कभी भी कोई दाग़
खून के धब्बे धोकर आंखों में जवाला भरते है
बरबादी का मंजर देखा पर हमेशा अबाद रहेगे
किन्ही किताबों में ही नहीं हमारे दिलों में राज करेंगे
आज भी सोचों तो आंखों में समंदर भर आता है
किसी बंजर भूमि पर गिरा एक शव नजर आता है
धरती माँ की लाज बचाने और ऊंची रखने वालो को
माटी भी स्नेह भरी चादर लाल को ऊढाती है
जय हिन्द दिलोजान से आखिर में बोलकर
फर्क से मरना ही हमारे जवानों की भाती है
घरों में हम सुरक्षित रहे इसलिए घर छोड़ते है
गेरो की वफ़ा के लिए अपनी गृहस्थी भी तोडते है
काम हमारा तो बस यही है, सलामी ही नही
बल्कि उनको अपनी यादों में जिंदा हमेशा रखे
इस देश के लिए अगर कभी सर भी कट जाए
तो बेझिझक मरने के खौफ को भूलकर दम रखे
सब अपनी- अपनी दुनिया के रखवाले बनेपर वक्त
सिर्फ अपना नहीं दूसरों का भी कमजोर हो सकता है
जरूरी नही कि शहीद या सीमा पर खड़ा होना है
घरों में भी बैठकर देशप्रेम बेजोड़ हो सकता है
आगर अब भी नही सोचा है तो जल्दी सोचिए
एक आम आदमी नही सैनिक सा बल लगाकर सोचिए |
Beautiful 👏👏
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