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Showing posts from 2020

अलहदा

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  दिन में धुंंआ - धुआं है , रात मेंं अंधेरा ना उम्मीद की किरण है , ना आस का सवेरा हाथ  खाली और दिल भरा - भरा  आंख में आंसू है और ज़िन्दगी तन्हा...... हर सुबह एक हिम्मत है और रात दर्द का बसेरा वही गिरकर उठने की कोशिश , फिर वैसे ही बेसहारा बिन मंज़िल रस्ते पर चलना , और भटक कर रोते हुए सिसकना  ना हाथ कोई थामे ,  फिर थक हारकर ख़ुदा  के आगे गिर जाना........

मेरी दुआ

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नमाज़ें पढ़ती हूं तो तुझे मांगती हूं आंखों से आंसू गिरते हैं तो तुझे मांगती हूं बेवक्त जब नींद खुले तब भी तुझे ही मांगती हूं ख़ुदा बारिश भी कर दे तो भी मांग लेती हूं देख तेरी मोहब्बत ने इबादत करना सिखा दिया...

वादा है

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यूं ही हंसते - रोते , यूं ही गिरते- संभलते  कुछ ज़िन्दगी सिखाए , कुछ तुम से सीख जाएं तेरे साथ एक ऐसी उम्र गुजारने का वादा है... मैं रूठती रहूं, तुम मनाते रहो तुम खा़मोश रहो , तो मैं गुनगुनाती रहूं कभी जो छलके आंसू तुम्हारे ,  अपने आंचल में समाती रहूं तेरे साथ एक ऐसी ज़िन्दगी बिताने का वादा है...

डर😨😨

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डर लगता है बहुत न जाने किसको इक़रार करूँ। खामोशी सी छाईं है लब्जो की बेकरारी कैसे रोक लूँ । चंद मिनटों का सफर लम्हों सा बीत जाने को तैयार है। वक्त को शिकस्त कर तकमील जहां का इंतज़ार है। कुछ खो सा गया हूँ चिड़चिड़ा हो सा गया हूँ। फिर भी न जाने क्यों डर को भी मुझ पर एतबार है। मेरा अंदर छिप कर बैठा आजकल यही मेरा यार है। अंधेरों का हमसफ़र हूँ रौशनी से कुछ रोज़ बेखबर हूँ। फिर भी अपनी हालत पर आज भी मुस्कुरा रहा हूँ। डर को आज मैं भी कुछ डर से ही डरा रहा हूँ।

मेरी माँ😍

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ननिहाल में ही मेरी माँ के नाम से मेरी पहचान है बाकी तो ये देश पुरुष प्रधान है इस बात का कोई शोक नहीं बस थोड़ा दुख है मुझे और प्रकट करने की अभिलाषा मेरे ध्यान है। इस दुनिया के जमघट से पहले मेरी माँ के अंदर मेरा बसेरा था नौ महीनों का वो नाता सिर्फ मेरा और तेरा था तकलीफों का दौर आया तो क्या तु मुझे देख खुब मुसकुरायी जैसे तुझे दर्द की सीमा छूने न पाई। तुझसे प्यार मिला बहुत तो फटकार भी सुनीं है मगर मेरे मन में तु आज भी वैसे की वैसे है अक्षरों का ज्ञान कम ही क्यों ना हो तुझे जिंदगी का हर हिस्सा तेरी बदोलत मुझसे परे ना रह पाएंगा मेरा गुरु जिंदगी भर तु ही कहलाएगा। मेरे थाली भर खाने को तेरा एक निवाला टक्कर देता है ऐसी जादू की कोई तेरे हाथों में रेखा है पापा की परी क्यों ही ना कहलाऊ में मेरे लिए सरवोपरि हमेशा तु ही रहेगी तेरे आगे ना कभी किसी की चली है और ना चलेगी। मज़ाक ठिठोली तेरी खुब उड़ाते हैं तुझे परेशान करने के लिए नहीं बल्कि दिन भर की थकान मिटाना चाहते है तेरी गोद हो या तेरा आंचल हमेशा शीतल जल जैसा लगता है मेरे मन में उर्जा ला दे ऐसे खुदा ने

घुटन 🙂

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मेरे भी सपनों का आसमां था जो आकर ज़मीन पर बिखर गया ,  मत पूछो ! इतने टुकड़े हुए   कि हर कदम सौ - सौ घाव देता गया....   जिन रास्तों पर अरमान सजाए थे वहां ना ख़ुशी मिली , ना हंसी बस बचा - कुचा सा हौसला था वो भी धीरे - धीरे दम तोड़ गया... इस वक़्त ने ऐसा जकड़ लिया कि ना जी सके , ना भाग सके  ख़ुद में सिमट कर रह गए और   बस दम घुटता गया.....         

तालाबंदी 🔐

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इस तालाबंदी में क्या तेरा क्या मेरा हाल हुआ जिंदगी घरों में सिमट गई ऐसा कोरोना का प्रहार विशाल हुआ इंसान पिंजरो में कैद पक्षिया आजादी का शोर मचाते है हम अंदर बैठे यही गुथी सुलझाते है। समाजिक दूरी ही इसका निवारण है मगर हम जान पर खेलने का शौक रखने वाले इसको भी भुल जाते हैं। आज हर वर्ग का इंसान चरणों पर बसर करने को मजबूर है चाहे वो उघोगपति हो या मजदूर है। राजनीति का बोल बाला आज भी कुछ कम नहीं हुआ है झूठे वादे करना ही उनकी सर्व प्रथम सेवा है। अस्पतालों में जमघट शवों का रोज़ लगा हुआ है मानों जैसे कीड़े-मकोडो सा दम मनुष्य रोज तोड़ रहा है। हम घरों के अंदर बसे खुद को सुरक्षित समझ रहे है मगर अस्पताल, पुलिस वाले आज भी जंग लड़ रहे है। कुछ बुरा तो कुछ अच्छा भी हुआ है वातावरण का प्रदूषण नदियों का कचरा कम भी तो हुआ है । अर्थशास्त्र में आई कमी सोच का दायिरा बढ़ा रही है तकनीकों से व्यवसाय प्रतिदिन बढ़ा रही है। परिस्थितियां बुरी हुई तो क्या काम आज भी नहीं रुका है जीवन शिक्षा का ढेरा हमेशा खोल रहा है। इस संकट की घड़ी में आप अपने परिवार के पास है ये भी क्या को

यादों का सफर 🙂☹️

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काश तेरी ज़िंदगी का मुदतो तक  रहबर ना सही निस्फ़ का तुकडा ही होती ख़लिश सा आज मुझे महसूस तो ना होता।  मेरे असहाय शरीर में तेरी रूह का रंग आज भी बेशुमार छाया है मेरे परदानशी क़ल्ब ने ये फरमान किसी रोज़ जगाया है।  माना इस निसबत की अज़ल मैंने ही रखी थी मगर तकाज़ा इस बात का है एहसान फरामोश की शतरंज के प्यादो का हिस्सा मैं तेरे हाथ ही बननी थी।  वफ़ा से दोस्ती थी मेरी आज हर कोई बेवफा सा लगता है मेरे होठ तो मुस्करा भी दे जनाब मगर इन आँखों से मेरा रिश्ता साफ़ दिखाता है।  आज बरख पर लिख कर तुझे तेरा मोजज़ा  समझ रही हूँ ना जाने किस कशमकश में मैं आज भी तुझको अपना समझ रही हूँ।  मेरे अंदर पिन्हां कर रहे जज्बात रोजाना कई पूरानी हिकायत बुनती है यादों की बस्ती में मुझे छोड़ नये जख्मों का रास्ता चुनती है।  जान-ए-अदा वो शफ़क़ तो याद ही होगी तुम्हें जिस शमा में असरार बातें हुई थी इमरोज़ मैं सोच रही थी वहाँ हो आऊँ मगर मन को जवाज़ करने में नाकाम रह गई।  क्या मैं तुम्हारे लिए इतनी बेजा़र थी कि हर वक़्त अनजान बने मशगूल रहते हो मफ़हूम तो किया होता अपने

मजदूर👷‍♀👷

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बेघर बना मारा- मारा सडको पर मैं पैदल बेचारा सिफर जिंदगी का ही तो था सहारा वक्त ने बना दिया आज मुझे भी अवारा। मैं इस देश का निर्माण कर्ता  झुग्गी झोपड़ि मेंरा निवास पैसो से मैं वंचित रहता फिर भी खुश रहने में मैं करता विश्वास। मेरे सपने कुछ खास नही अब तो इस जिंदगी से भी आस नहीं। गलने लगा है ये पुतला हाड़ मास का भुख से नाता हो गया है आस पास का आज महामारी भी मुझ से रूठी है क्योंकि मेरी जिंदगी का सत्य मजदूरी है। रीड की हड्डी सा काम मेरा नाम तो छोडो यहा मैं बदनाम जरा मेरी शाम जामो में नहीं दामों का हिसाब लगती है। मेरी विवशता आज लोगों के घरों में मशहूर है जी हां क्योंकि मैं एक मजदूर है।

RANGA DACOIT💀💀

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We three signifies a triangle Being on corners, always away But by heart, just like bae In room MLT 1 our friendship start And there I m always late in the class. Our hostels are far apart You two and me alone not smart But time knows how to play And make the equation In a perfect way. Well our life is adventures Not less than anyone else Strange path, long routes Being pauper,on foot And for these situation we're the roots. Our life is now like a boomerang Sooner or later goodies will be in our hand Just like picturesque all memories are in my mind Which could be frame with all the story behind. A lot of nicknames we have But always in a 3 pair stack Our group "Ranga Dacoit" So much strange But enough to share a moment in our lane. Room 401 is away from home But like home for us Where idiotic things always work Whether gossips or gram time But i love the peanut As if these are only mine. A lot of food and

तकलीफ 🙂🤗

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तेरी गोद नहीं , तो कोई तकिया ही सही जी भर के ज़रा रो तो लूं इस दिल में कितना दर्द भरा है   बहा कर तुझे दिखा तो दूं..... हर किसी की एहमियत है तेरी जिंदगी में  बस  एक मै ही गैर बन जाती हूं , मेरा हाथ छोड़ कर, तू किसी और का थाम भी ले  पर मैं तो तेरे जाने के ख्याल से भी    तड़प जाती हूं....                                                  Rabiya...

मौत की दस्तक😴😴

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कल रात मैंने, अपने स्वपन में अपनी मौत से मुलाकात की उसने कहा, कितनी खुदगर्ज है तू जो तुने मरने की फरियाद की । भुल गई तु ,तेरी ज़िंदगी  खुदा की मेहरबानी है जिसे जीने में तूने की आनाकानी है। तू ना सही, तेरे लिए कोई  जी रहा है उसे छोड़ के जाने में तेरा मन न खीज रहा है। तेरे सपने जो ,तुझे करने थे अपने अब अधुरे रह जाएंगे जिन्हें पूरा करने के लिए समय ही समय था लेकिन अब कुछ अधूरे पल से रह जाएगे। अब तुझे जन्नत ,मिलेगी या जहन्नुम तेरे किए हुए कर्म ही तुझे बताएगे।

वो लड़का

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उसकी मोहब्बत भरी वो आँखें जो मेरे आने से खिल जाती है , और मेरे जाने से भर जाती है तो फ़िर कैसे मै उसकी इबादत ना बनूँ जो मेरी ख़ातिर तीन पहर की नमाज़े छोड़ देता है..... वो कहता है कि मै ऊसकी ‘’ चलती – फ़िरती दुनिया नहीं ’’ उसका ठहरा आशियाँ हूँ , तो फ़िर कैसे मै उसका जहां ना बनूँ जो मेरी ख़ातिर हर शख़्स को छोड़ देता है....... इतना रोता है मेरी मोहब्बत में वो कि मेरा दामन भी भीग जाता है तो फिर कैसे पागल ना बनूँ मैं उसके लिए जो मेरी ख़ातिर सांस लेना ही भूल जाता है.........

Night🌙⏰💤💤

NIGHT DOESN'T BECOME BEAUTIFUL, BECAUSE OF ..STAR FILLED SKY.. AUR  FULL MOON .. IT BECOMES  BEAUTIFUL WHEN YOU GO TO SLEEP... AND LET STAR⭐ ADMIRE  YOUR INNOCENCE..                             BABA

मुकम्मल अधूरा इश्क़😇❤

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बेइंतहा तन्हाई में कुछ खोजते से रहते हैं भीड़ में हर घड़ी खोए से रहते हैं कुछ ना होने के बावजूद जी रहे हैं, यही बहुत है .... मांग लेता आंखों के मोती को कोई तो देने में ग़म ना होता, पर आंखों से उसे छीना इस कदर कि इनमें अब नमी ही बहुत है.... धीरे से छीन गया सब कुछ ये एहसास ही आज हुआ अब तो ना तारे अपने और ना ये चांद बस हर पहर एक सूरज की धूप ही जलाती है जो बचा है उसे भी अपना सा बताती है छांव में गर आ भी पहुंचे तो जिंदगी ने बताया हमारे पास तो कमी ही बहुत है....

एक लम्हा खुशी का 😊

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मन में कुछ लहरें दैड़ उठी है होठों पर प्यारी सी हंसी कूद पड़ी है दिल की धड़कनें इतनी ज़ोर से चल रही हैं पूछा तो कहती है खुदा का शुक्रिया करने चल पड़ी है... हर रोम- रोम खुशी से भरा है इतने सूखे मौसम में भी, मन में सब हरा- भरा है बालो को उड़ाती हवाएँ बहुत तेज़ है पूछा तो कहती है किसी से बातें करने चल पड़ी है.. आंखों में चमक भी तारों से ज्यादा है सांसो में ठंडक भी हवाओं से ज्यादा है चांद की चांदनी भी बादलों  के पीछे छुपी जा रही है पूछा तो कहती है किसी को सताने चल पड़ी है... चेहरे को छूती ये फिजाएं मनचली है आंखों से काजल चुराने बहारें चली है रूखसारों पर मुस्कुराहट रुकती ही नहीं पूछा तो कहती है किसी को हंसाने चल पड़ी है...

जी चाहता है... 🤩

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संग -ए- मरमर से तराशा हुआ ये शोख़ बदन इतना दिलकश है कि अपनाने को जी चाहता है। सुर्ख होठों से छलकती है वो रंगीन शराब जिसको पी-पी कर बहक जाने को जी चाहता है। नरम सीने में धड़कते है वो नाज़ुक तूफान जिनकी लहरों में उतर जाने को जी चाहता है। नूर ही नूर छलकता है हंसी चेहरे से  बस यहीं सजदे में गिर जाने को जी चाहता है। अपने हाथों से सवांरा है तुम्हें कुदरत ने देख कर देखते रह जाने को जी चाहता है। कब से ख़ामोश हो ऐ जान- ए - जहां कुछ बोलो भी , क्या और सितम ढाने को जी चाहता  है? तुमसे क्या रिश्ता है कब से है मालूम नहीं लेकिन इस हुस्न पे मर जाने को जी चाहता है। बेकरार  सोये है लूट के नींद  मेरी जज़्बे दिल पे तरस खाने को जी चाहता है। चांद की हसती है क्या सामने जब सूरज हो आपके कदमों में मिट जाने को जी चाहता है। मेरे दामन को कोई और ना छू पाएगा तुमको छू कर ये कसम खाने को जी चाहता है। छोड़ के तुमको कहाँ चैन मिलेगा हमको यहीं जीने, यहीं मर जाने को जी चाहता है।                                                          -  BABA

कोई नहीं है.. 😌

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जिंदगी में कुछ कमी नहीं है, पर ये मुकम्मल भी तो नहीं है, दिन भर सबके साथ चलती हूँ , खूब हंसती हूँ पर रातों को जब रोती हूँ तो कंधा देने वाला कोई नहीं है.... कोई अच्छा कहता है, तो कोई बुरा भी बस हर बात पे मुस्कुरा देती हूँ मेरी हंसी की तारीफ करने वालों की कमी नहीं है पर उसके पीछे का दर्द समझने वाला कोई नहीं है.. कोई अपनी सुनाता है तो सुन लेती हूँ कोई पास बैठता है तो बात कर लेती हूँ मेरी ज़ुबान का मीठा ये झूठ पसंद करने वाले तो हैैं पर मेरी आँखों का सच देखने वाला कोई नहीं है.... मेरे रस्ते भी अंजान से हो गए हैं हर शख्स अजनबी सा लगता है फिर भी कोई चंद मील साथ चलता है, तो उसका दर्द बांट लेती हूँ ये चार कदम साथ चलने वाले बेशुमार हैं पर हाथ थाम कर उम्र भर मेरे साथ चलने वाला कोई नहीं है....

चंद जज़्बात

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-"ताबीर करूँ कुछ इस कदर तुम्हारी शमा - सी मेरी जिंदगी में लाते हो औरों से नहीं हो तुम , मेरे कल्ब को छू जाते हो पाक दामन तुम्हारा ऐसा, कि मेरे ज़ेहन में  नूर भर जाते हो ।" -"चली थी जिन रस्तों पे ऐ रहबर तेरे साथ अब वहाँ तू न सही पर तेरी मुश्क से निस्बत सी है तेरी यादों से इतनी कुर्बत है  कि अब सिफर सी मेरी जिंदगी हो चली है। "

अधूरा अफसाना.... 🤗

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राहिल तेरे इश्क की उन गलियों से गुजराती हूँ तेरी इक झलक जो दिख जाए अहल- ए- शौक़ मैं खुद को तेरा समझती हूँ। अकीदा  कर मेरा तू फिक्र मुझे तेरी भी होती है बस अलफ़ाजो के तकाजे़ से मेरी मोहब्बत सुपुर्द -ए - ख़ाक होती है। मेरी चाहत कुछ इस कदर निस्फ सी रह गयी कि मेरा अहद भी टूट गया और मैं खुद से ना-मालूम सी रह गयी।

एक तरफा 🙂

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आज कल बेख्याली में मुस्कुरा के चलते हैं अक्सर तुझसे पलकें झुका के मिलतें है इसमें कुछ तो तेरे नूरानी चहरे का ख़ुमार है                           और कुछ हम भी ख़ुद को खोने को तैयार हैं.... तन्हाई में कुछ तो गुनगुनाते रहते हैं तुझे इक पल देखते ही शरमा के खुद में सिमट जाते हैं इसमें कुछ तो तेरी नजरों की ग़ुस्ताख़ी है                         और कुछ हम भी ग़ुस्ताख़ हैं..... तेरी मुस्कुराहटों की सलवटों से आखें भी खिल जाती है तेरे होने के अहसास से दिल की धड़कने भी बढ़ जाती है इसमें कुछ तो तेरी अदाओं का नशा है                      और कुछ हम भी मदहोश होने को बेकारार है.... तेरी ज़ुल्फ़े काली घटा से भी ज्यादा कातिल लगती है तेरे जिस्म की खुशबू इत्र से ज़्यादा महकती है इसमें कुछ तो तेरी बातों का जादू है                       और कुछ हमारे भी बिगड़ने के आसार हैं..... 

पहली मोहब्बत❤

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उन्स है मुझे उस शख्स के लिए इज़तिरार सी हो जाती हूँ मेरा अक्स सा लगता है तू मुझे रफिक़ तुझे अपना बनाना चाहती हूँ। बरख़ पर लिख दूँ तुझे मेरी स्याही ब-दस्तूर कहती है फ़ानी सा नाम है तेरा हिकायत सी मुझे याद रहती है। महदूद  नहीं बेशुमार चाहती हूँ फिलहाल कुछ छुपे से जज़्बात  मेरे कभी चाहो तो खुल कर बतलाती हूँ उज़ृ नहीं फरमाऊंगी, अपनी चाहत का मुक्मल वो अफसाना तुमको हूबहू  बतलाऊंगी।